नरीश ग्रीन काॅफी रस
ग्रीन काॅफी बीन्स काॅफी की फलियां हैं । इन काॅफी की फलियों में एक रसायन क्लोरोफेनिक एसिड होता है । माना जाता है कि इस रसायन से स्वास्थ्य को लाभ प्राप्त होता है । काॅफी की फलियों को भुनने से इस क्लोरोफेनिक एसिड नामक रसायन की मात्रा में कमी हो जाती है ।
ग्रीन काॅफी में मौजूद क्लोरोफेनिक एसिड का ह्रदय रोगों, मधुमेह, वजन में कमी के लिए, ग्रीन काॅफी में मौजूद क्लोरोफेनिक एसिड यह प्रभावित करता है कि हमारा शरीर रक्त शर्करा एवं चयापचय से किस प्रकार निबटे ।
नरीश ग्रीन काॅफी रस की विशेषता
इन्हें बाहरी लुगदी एवं लासा को हटाने के लिए गीले एवं सुखे तरीके से संसाधित किया गया है । इनके बाहरी हिस्से पर गोंद अक्षुण्ण है । कच्ची अवस्था में, यह हरे रंग का होता है । पकने पर, यह भूरा - पीला से लेकर रक्तिम रंग का होता है एवं प्रत्येक सुखा हुआ काॅफी का बीज औसतन 300 से 330 मि°ग्रा° होता है । हरी काॅफी के बीज में कैफीन जैसे स्थिर और गैर - स्थिर यौगिक कीड़ों और जानवरों को इन्हें खाने से रोकते हैं ।
इसके अतिरिक्त, भूने जाने पर ये स्थिर और गैर - स्थिर यौगिक काॅफी के स्वाद में वृद्धि करते हैं । भुना काॅफी के सुगंध एवं इसके जैविक कार्यविधि के लिए गैर - स्थिर नाइट्रोजन यौगिक ( जैसे एल्कलाॅयडस, ट्राइगोनेलाइन, प्रोटीन एवं फ्री एमिनो एसिड ) एवं कार्बोहाइड्रेट प्रमुख रूप से महत्वपूर्ण हैं ।
क्लोरोफेनिक एसिड किस प्रकार कार्य करता है ?
वजन कम करने के लिए यह एसिड प्रमुख है क्योंकि यह जिगर को संग्रहित वसा को पहले खत्म करने का सिग्नल देता है । यह शर्करा को ग्लूकोज में संसाधन की प्रक्रिया को भी धीमा करता है जिससे कि रक्त में इसकी मात्रा ज्यादा न हो सके । इससे वसा का नाश होता है और अतिरिक्त ग्लूकोज बाद में वसा मेें परिवर्तित नहीं हो पाताहै । इसलिए इसका तात्कालिक एवं दूरगामी लाभ है ।
नरीश ग्रीन काॅफी सत्व का लाभ
ग्रीन काॅफी बीन्स काॅफी की फलियां हैं । इन काॅफी की फलियों में एक रसायन क्लोरोफेनिक एसिड होता है । माना जाता है कि इस रसायन से स्वास्थ्य को लाभ प्राप्त होता है । काॅफी की फलियों को भुनने से इस क्लोरोफेनिक एसिड नामक रसायन की मात्रा में कमी हो जाती है ।
ग्रीन काॅफी में मौजूद क्लोरोफेनिक एसिड का ह्रदय रोगों, मधुमेह, वजन में कमी के लिए, ग्रीन काॅफी में मौजूद क्लोरोफेनिक एसिड यह प्रभावित करता है कि हमारा शरीर रक्त शर्करा एवं चयापचय से किस प्रकार निबटे ।
नरीश ग्रीन काॅफी रस की विशेषता
इन्हें बाहरी लुगदी एवं लासा को हटाने के लिए गीले एवं सुखे तरीके से संसाधित किया गया है । इनके बाहरी हिस्से पर गोंद अक्षुण्ण है । कच्ची अवस्था में, यह हरे रंग का होता है । पकने पर, यह भूरा - पीला से लेकर रक्तिम रंग का होता है एवं प्रत्येक सुखा हुआ काॅफी का बीज औसतन 300 से 330 मि°ग्रा° होता है । हरी काॅफी के बीज में कैफीन जैसे स्थिर और गैर - स्थिर यौगिक कीड़ों और जानवरों को इन्हें खाने से रोकते हैं ।
इसके अतिरिक्त, भूने जाने पर ये स्थिर और गैर - स्थिर यौगिक काॅफी के स्वाद में वृद्धि करते हैं । भुना काॅफी के सुगंध एवं इसके जैविक कार्यविधि के लिए गैर - स्थिर नाइट्रोजन यौगिक ( जैसे एल्कलाॅयडस, ट्राइगोनेलाइन, प्रोटीन एवं फ्री एमिनो एसिड ) एवं कार्बोहाइड्रेट प्रमुख रूप से महत्वपूर्ण हैं ।
क्लोरोफेनिक एसिड किस प्रकार कार्य करता है ?
वजन कम करने के लिए यह एसिड प्रमुख है क्योंकि यह जिगर को संग्रहित वसा को पहले खत्म करने का सिग्नल देता है । यह शर्करा को ग्लूकोज में संसाधन की प्रक्रिया को भी धीमा करता है जिससे कि रक्त में इसकी मात्रा ज्यादा न हो सके । इससे वसा का नाश होता है और अतिरिक्त ग्लूकोज बाद में वसा मेें परिवर्तित नहीं हो पाताहै । इसलिए इसका तात्कालिक एवं दूरगामी लाभ है ।
नरीश ग्रीन काॅफी सत्व का लाभ
- ग्रीन काॅफी सत्व उच्च रक्त चाप को कम करने में सहायता करता है ।
- व्यायाम के साथ ग्रीन काॅफी सत्व वजन कम करने में सहायता करता है ।
- ग्रीन काॅफी सत्व अल्जाइमर रोग की रोकथाम करता है ।
- ग्रीन काॅफी सत्व मधुमेह टाइप -- 2 रोकता है ।
- ग्रीन काॅफी सत्व संक्रमण रोकता है ।
ग्रीन काॅफी सत्व में वे सभी तत्व मौजूद हैं जो आपको तंदुरूस्त एवं फिट शरीर देते हैं । नरीश ग्रीन काॅफी सत्व में निम्नलिखित मौजूद हैं :
गैर - स्थिर एल्कलाॅयडस
कैफीन वह एल्कलाॅयडस है जो हरे एवं भुने हुए काॅफी बीज में पाया जाता है । अधिकांश प्रोटीन 11 -- एस भंडारण प्रकार के हैं जोकि हरी काॅफी बीज की परिपक्वता के दौरान मुक्त एमिनो एसिड के रूप में विकृत हो जाते हैं इसके अतिरिक्त, भुनने के तापमान के अंतर्गत 11-- एस भंडारण प्रोटीन, अलग एमिनो एसिड में विकृत हो जाते हैं । अन्य प्रोटीन में एंजाइम शामिल हैं, जैसे कैटलेज एवं पाॅलीफेनाॅल ऑक्सीजन, जोकि हरी काॅफी बीज की परिपक्वता के लिए आवश्यक है ।
प्रोटीन एवं एमिनो एसिड
सूखी हरी काॅफी के बीजों का 8% से 12% प्रोटीन है । ज्यादातर प्रोटीन 11-ऽ स्टोरेज प्रजाति के होते हैं जिनमे से अधिकतर हरी काॅफी के बीज के परिपक्व होने के समय मुक्त एमिनो एसिड में बदल जाते हैं । इसके अलावा, 11-ऽ स्टोरेज प्रोटीन रोस्टिंग तापमान में भी अलग - अलग एमिनो एसिड्स में बदल जाते हैं । दूसरे प्रोटीन में एंजाइम होते हैं , जैसे केटालीस और पाॅलिफेनोल ओक्सीडेस जो हरी काॅफी के बीजों की परिपक्वता के लिए महत्वपूर्ण हैं ।
कार्बोहाइड्रेट
निबल हरी काॅफी बीज का 50% कार्बोहाइड्रेट का होता है । हरी काॅफी में पाॅलीसैकराइड जैसे ऐरेबिनोगैलेक्टीन, गैलेक्टोमन्नन एवं सेलुलोज की अधिकता होती है जिसके कारण हरी काॅफी का स्वादहीन सुगंध होता है । परिपक्व भूरा व पीला -- हरा काॅफी बीज में फ्री मोनोसैक्कराइड पाए जाते हैं । मोनोसैक्कराइड के मुक्त भाग में सुक्रोज (ग्लूको -- फ्रूक्टोज ) होता है । मैनिटोल हाइड्रोकसील रेडिकल्स का शक्तिशाली अपमार्रजक है जो जैविक झिल्लियों में लिपिड के पेरोक्सिडेशन के दौरान निर्मित होता है ।
लिपिड
ग्रीन काॅफी में पाए जाने वाले लिपिड हैं: लीनोलेक एसिड, डिटनपेन्स, ट्राइगिलसराइड, अनसैचुरेटेड लाॅग चेन फैट्टि एसिड्स एवं एमाइडस । सूखे ग्रीन काॅफी में लिपिड की मात्रा 11.7 ग्राम से 14 ग्राम /100 ग्राम के मध्य होती है । भीतरी कोख में लिपिड मौजूद होते हैं । इन डिटनपेन्स को रसायनिक ऑक्सीकरण से जिगर उत्तकों की रक्षा के लिए इन विट्रो प्रयोगों में दिखाया गया है ।
गैर - स्थिर क्लोरोफेनिक एसिड्स
क्लोरोफेनिक एसिड्स फेनोलिक एसिड नामक यौगिक समूह से संबंधित हैं जो कि एंटी-ऑकसीडेंट हैं । सूखे रोबस्टा ग्रीन काॅफी में क्लोरोफेनिक एसिड की मात्रा 65 मि°ग्रा°/ग्राम हैं एवं अरबिका में 140 मि°ग्रा°/ग्राम है
। ये क्लोरोफेनिक एसिड की एंटी-ऑकसीडेंट क्षमता एस्काॅर्बिक एसिड ( विटामिन सी ) अथवा मैनिटोल के मुकाबले कहीं अधिक है जोकि एक चयनात्मक हाइड्रोक्सी - रैडिकल अपमार्रजक है । कम मात्रा में इसका स्वाद कड़वा होता है ।
स्थिर यौगिक
ग्रीन काॅफी बीज के स्थिर यौगिकों में शाॅर्ट चेन फैट्टि एसिड्स, एल्डिहाइड एवं नाइट्रोजन वाले सुगंधित कण शामिल है, जैसे कि पायरेजाइन्स के डेरिवेटिव्स ( मिट्टी के हरे पौधे की गंध वाला ) ।
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