नरीश ओमेगा - 3 फॅटी एसिड विषयी :
हमारे शरीर में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और लिपिड के सही उपयोग एवं स्वास्थ्य त्वचा के लिए ओमेगा - 3 फैट्टि एसिड महत्वपूर्ण है । इसका नियमित सेवन जहां हानिकारक एल.डी.एल. कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है वही गुणकारी एच.डी.एल. कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है । शरीर के तंत्रिका और रक्त कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करता है । एवं डीएनए के निर्माण में मदद करता है जो कि सभी कोशिकाओं की आनुवांशिक सामग्री है ।
यह एनीमिया को रोकता है जिससे लोगों को थकान और कमजोरी होती है । लोगों में ब्लड शूगर को नियंत्रित करने, तनाव को काबू में करने, खेल - कूद में सुधार कर बढ़िया प्रदर्शन देने में अत्यंत प्रभावी है । जीवनशैली विकारों से लड़ने के लिए शक्तिशाली एंटी-ऑकसीडेंट है ।
ओमेगा - 3 फॅटी एसिड्स सामान्य चयापचय के लिए महत्वपूर्ण हैं । ओमेगा - 3 को अनिवार्य फैट्टि एसिड माना जाता है यानि शरीर द्वारा इसका निर्माण नहीं हो सकता है ।
तथापि, स्तनधारी में सीमित रूप में ओमेगा - 3 वसा के संश्लेषण की क्षमता होती है यदि आहार में शाॅर्ट - चेन ओमेगा - 3 फॅटी एसिड ए.एल.ए. ( एल -- लीनोलेनिक एसिड, 18 कार्बन्स एवं 3 डबल बॉन्ड्स ), जिससे और अधिक महत्वपूर्ण लाॅग चेन ओमेगा - 3 फैट्टि एसिड ईपीए ( इकोसैपेंटीनोइक एसिड, 20 कार्बन एवं 5 डबल बॉन्ड ) बन सके एवं फिर और अधिक सक्षम ई.पी.ए. से सबसे अधिक महत्वपूर्ण डी.एच.ए. ( डोकोसैहेक्सिनोइक एसिड, 22 कार्बन एवं 6 डबल बॉन्ड ) का निर्वाण हो सके ।
उम्र बढ़ने के साथ एएलए से लाॅग चेन ओमेगा - 3 फैट्टि एसिड के संश्लेषण की प्रक्रिया क्षीण हो सकती है । खुली हवा में रखे गए भोजन में अनसैचुरेटेड फैट्टि एसिड ऑक्सीकरण एवं अम्ल -- वर्षा से असुरक्षित होते हैं ।
नरीश ओमेगा - 3 फॅटी एसिड कैप्सूल में वो सभी सामग्री है जो आपको स्वास्थ्य शरीर और अच्छी हालात में रखने के लिए कार्य करते हैं ।
नरीश ओमेगा - 3 फैट्टि एसिड कैप्सूल क्यों?
हमारे शरीर में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और लिपिड के सही उपयोग एवं स्वास्थ्य त्वचा के लिए ओमेगा - 3 फैट्टि एसिड महत्वपूर्ण है । इसका नियमित सेवन जहां हानिकारक एल.डी.एल. कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है वही गुणकारी एच.डी.एल. कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है । शरीर के तंत्रिका और रक्त कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करता है । एवं डीएनए के निर्माण में मदद करता है जो कि सभी कोशिकाओं की आनुवांशिक सामग्री है ।
यह एनीमिया को रोकता है जिससे लोगों को थकान और कमजोरी होती है । लोगों में ब्लड शूगर को नियंत्रित करने, तनाव को काबू में करने, खेल - कूद में सुधार कर बढ़िया प्रदर्शन देने में अत्यंत प्रभावी है । जीवनशैली विकारों से लड़ने के लिए शक्तिशाली एंटी-ऑकसीडेंट है ।
ओमेगा - 3 फॅटी एसिड्स सामान्य चयापचय के लिए महत्वपूर्ण हैं । ओमेगा - 3 को अनिवार्य फैट्टि एसिड माना जाता है यानि शरीर द्वारा इसका निर्माण नहीं हो सकता है ।
तथापि, स्तनधारी में सीमित रूप में ओमेगा - 3 वसा के संश्लेषण की क्षमता होती है यदि आहार में शाॅर्ट - चेन ओमेगा - 3 फॅटी एसिड ए.एल.ए. ( एल -- लीनोलेनिक एसिड, 18 कार्बन्स एवं 3 डबल बॉन्ड्स ), जिससे और अधिक महत्वपूर्ण लाॅग चेन ओमेगा - 3 फैट्टि एसिड ईपीए ( इकोसैपेंटीनोइक एसिड, 20 कार्बन एवं 5 डबल बॉन्ड ) बन सके एवं फिर और अधिक सक्षम ई.पी.ए. से सबसे अधिक महत्वपूर्ण डी.एच.ए. ( डोकोसैहेक्सिनोइक एसिड, 22 कार्बन एवं 6 डबल बॉन्ड ) का निर्वाण हो सके ।
उम्र बढ़ने के साथ एएलए से लाॅग चेन ओमेगा - 3 फैट्टि एसिड के संश्लेषण की प्रक्रिया क्षीण हो सकती है । खुली हवा में रखे गए भोजन में अनसैचुरेटेड फैट्टि एसिड ऑक्सीकरण एवं अम्ल -- वर्षा से असुरक्षित होते हैं ।
नरीश ओमेगा - 3 फॅटी एसिड कैप्सूल में वो सभी सामग्री है जो आपको स्वास्थ्य शरीर और अच्छी हालात में रखने के लिए कार्य करते हैं ।
नरीश ओमेगा - 3 फैट्टि एसिड कैप्सूल क्यों?
- रक्त वसा में फैट्टि एसिड (ट्राइग्लिसराइड ) : अनेक अध्ययन के अनुसार, फैट्टि एसिड अनुपूरक बढ़े हुए ट्राइगिलसराइड स्तर को कम कर सकता है । इस रक्त वसा का उच्च स्तर ह्रदय रोगों के लिए जोखिम का कारक है । अकेले डी.एच.ए. ट्राइगिलसराइड स्तर को कम कर सकता है ।
- संधिवात गठिया में फैट्टि एसिड : अनेक अध्ययन में यह पाया गया है कि फैट्टि एसिड अनुपूरक (ई.पी.ए. एवं डी.एच.ए. ) ने महत्वपूर्ण ढ़ंग से अकड़न और जोड़ों के दर्द को कम किया है । यह प्रतीत होता है कि फैट्टि एसिड प्रदाहनाशी औषधियों की प्रभाविता को बढ़ाता है ।
- तनाव में फैट्टि एसिड : फैट्टि एसिड तनाव के स्तर को कम करता है एवं अवसादरोधी औषधियों की प्रभाविता को बढ़ाता है । द्विध्रुवी विकार में तनाव - संबंधी लक्षणों को फैट्टि एसिड कम करता है ।
- प्रसवपूर्व स्वास्थ्य में फैट्टि एसिड : डी.एच.ए. शिशुओं के विजुअल एवं तंत्रिका संबंधी विकास के लिए महत्वपूर्ण प्रतीत होता है । गर्भावस्था के दौरान अथवा स्तनपान के दौरान नरीश ओमेगा - 3 फॅटी एसिड का अनुपूरक बच्चों को लाभ प्रदान करता है ।
- दमा में फैट्टि एसिड : साक्ष्य संकेत देते हैं कि फैट्टि एसिड सूजन को कम करता है जो कि दमा का एक प्रमुख अवयव है । फैट्टि एसिड अनुपूरक फेफड़ों की कार्य -प्रणाली में सुधार करता है अथवा किसी दमा पर नियंत्रण के लिए किसी व्यक्ति को आवश्यक औषधियों की मात्रा कम करता है ।
- ए.डी.एच.डी. में में फैट्टि एसिड : फैट्टि एसिड कुछ बच्चों में ए.डी.एच.डी. के लक्षणों को कम कर सकता है एवं उनके ज्ञान संबंधी कार्य में सुधार कर सकता है ।
- अल्जाइमर्स रोग एवं पागलपन में फैट्टि एसिड : फैट्टि एसिड अल्जाइमर्स रोग एवं पागलपन से बचाव करता है । हाल के अध्ययन में भी यह पाया गया है कि अल्जाइमर्स जनित मनोभ्रंश अथवा आयु - संबंधी स्मरण समस्याओं में फैट्टि एसिड हवास को धीमा कर सकता है । फैट्टि एसिड में डी.एच.ए. एक लाभदायी अनुपूरक हो सकता है एवं आयु के कारण हो रही स्मरण - क्षीणता पर सकारात्मक प्रभाव ला सकता है ।
ह्रदयवाहिनी रोगों में
लौंग चेन ओमेगा - 3 फॅटी एसिड वाला भोजन से संभवतः दौरा के जोखिम को कम किया जा सकता है । ओमेगा - 3 फैट्टि एसिड का सिस्टोलिक रक्तचाप पर सामान्य प्रभाव पड़ता है ।
कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार, सूजे हुए नस जैसे परिसंचरण समस्याओं वाले व्यक्ति ई.पी.ए. एवं डी.एच.ए. के सेवन से लाभ पा सकते हैं जो रक्त संचार को उत्तेजित कर सकता है, फाइब्रिन का विघटन बढ़ा सकता है जो कि थक्के एवं चकत्ता बनाने में उपयोगी हैं । इसके अतिरिक्त, यह रक्त चाप को भी कम कर सकता है । निस्संदेह, ओमेगा - 3 फैट्टि एसिड रक्त इग्लिसराइड स्तर को कम कर सकता है एवं इसका नियमित सेवन सेकंडरी एवं प्राइमरी ह्रदयाघात के जोखिम को कम कर सकता है । ए.एल.ए. , ई.पी.ए. एवं डी.एच.ए. के ह्रदयवाहिनी लाभ प्रदान नहीं करता है ।
सूजन में
शोधकर्ताओं के अनुसार, लौंग चेन ओमेगा -3 फैट्टि एसिड का नैदानिक प्रभाव हो सकता है ।
संधिवता गठिया के लिए, "जोड़ो में सूजन और दर्द, प्रातःकाल में अकड़न, पीड़ा के संपूर्ण आकलन एवं रोग का प्रसार " जैसे लक्षणों पर व्यवस्थित समीक्षा के दौरान marine n - 3 PUFAs के साथ नाॅन - सटीराॅयडल प्रदाहनाशी औषधियों का मामूली लेकिन सुसंगत प्रभाव देखा गया है । The National Center for Complementary and Alternative Medicine ने निष्कर्ष निकाला है कि " किसी भी खाद्य अनुपूरक ने संधिवात गठिया के लिए स्पष्ट लाभ नहीं दिखाया है " परंतु प्राथमिक साक्ष्य यह बताते हैं कि ओमेगा - 3 लाभदायी हो सकता है ।
विकासात्मक मानसिक विकारों में
ओमेगा - 3 फैट्टि एसिड ए.डी.एच.डी. , ऑटिज्म डिसऑर्डर एवं अन्य विकासात्मक विभेद के उपयोग है । ऐसे बच्चों के लिए ओमेगा - 3 फैट्टि एसिड काफी लोकप्रिय हुआ है ।
मानसिक स्वास्थ्य में
शोध यह बताते हैं कि ओमेगा - 3 फैट्टि एसिड एसिड मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित है । साथ ही यह कि द्विध्रुवी विकार से संबंधित तनाव के उपचार में वे संभावित रूप से पूरक के रूप उपयोगी हो सकते हैं । इस बात के प्रारंभिक सबूत हैं कि तनाव के मामलों में ई.पी.ए. अनुपूरक उपयोगी है ।
https://www.amazon.in/dp/B0748HQW6C/ref=cm_sw_r_wa_awdo_t1_T-d0Eb9YEMWB5
विकासात्मक मानसिक विकारों में
ओमेगा - 3 फैट्टि एसिड ए.डी.एच.डी. , ऑटिज्म डिसऑर्डर एवं अन्य विकासात्मक विभेद के उपयोग है । ऐसे बच्चों के लिए ओमेगा - 3 फैट्टि एसिड काफी लोकप्रिय हुआ है ।
मानसिक स्वास्थ्य में
शोध यह बताते हैं कि ओमेगा - 3 फैट्टि एसिड एसिड मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित है । साथ ही यह कि द्विध्रुवी विकार से संबंधित तनाव के उपचार में वे संभावित रूप से पूरक के रूप उपयोगी हो सकते हैं । इस बात के प्रारंभिक सबूत हैं कि तनाव के मामलों में ई.पी.ए. अनुपूरक उपयोगी है ।
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