नरीश दर्द निवारक तेल :
पोषक तत्वों की कमी , अस्वास्थ्यकर जीवनशैली , अभिघात एवं बुढ़ापा के कारण स्थायी रोग एवं जोड़ो के दर्द जैसी कई समस्याएं हो जाती है । चलने के दौरान अथवा विश्रामावस्था के दौरान जोड़ो में दर्द जिसके कारण चलने में समस्या होती हैं, ज्वाइंट पेन कहलाता है । प्रमुख कारण हें :
- उपस्थित का दोष
- स्नेहन की हानि
- कैल्शियम एवं प्रोटीन जैसे अनिवार्य पोषक तत्वों की कमी
- औषधियों का अत्यधिक सेवन
ज्वाइंट पेन, ऐंठन, तीक्ष्ण गठिया एवं उम्र - जनित विकार वाले मामलोंं में, अनुपूरक एवं औषधि का बाहरी अनुुुुप्रयोग बेहतरीन उपलब्ध विकल्प है । क्योंकि :
- ये सुरक्षित हैं
- प्रभावी हैं
- दर्द - निवारक का उपयुक्त विकल्प है ।
- कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं एवं इसकी आदत नहीं लगती ।
- समस्या के कारणों पर कार्य करता है, केवल लक्षणों पर नहीं ।
नरीश पेन किलर ऑयल में वे सभी सामग्री हैं जो आपको जोड़ो के दर्द एवं शरीर के अन्य भागों में निरंतर राहत देती हैं ।
जोड़ो के दर्द का तेल ?
इसमें शामिल है :
ज्वाइन -- दर्द वाले स्थान पर लगाए जाने पर बीजों से निकला हुआ तेल रिउमेटिड अर्थराइटिस और नसों के दर्द के इलाज में सहायक है । ये दांत, दिल, और कान के दर्द का भी इलाज करता है । इसमें उपचार की क्षमता और इलाज के गुण भी हैं । ये अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, पेट की बीमारी, और सर्दी के इलाज में सहायक है ।
आरंद मूल -- यह सर्वश्रेष्ठ वट प्रशामक में से एक है जो शरीर का पोषण करता है और साथ ही रिउमेटिड और ओस्टियो अर्थराइटिस और स्त्री -- रोगों का इलाज करता है । यह भूख बढ़ाता है, लीवर की बीमारियों में आराम देता है, और पेट की बीमारियों का इलाज करता है । यह सर्दी और खांसी को कम करता है और डायबिटीज में मूत्रवर्धक का काम करता
है ।
अश्वगंधा -- अश्वगंधा को उसके सूजन -- रोधक गुणों के लिए जाना जाता है क्योंकि यह दर्द को कम करने में मदद करता है । यह एक ताज़गी देने वाली जड़ी -- बूटी है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता, सहनशक्ति, ताकत और जोश बढ़ाने में मदद करता है । यह उत्कंठा, अवसाद, मांसपेशियों के दर्द, घावों के इलाज और कई यौन रोगों में काफी उपयोगी है ।
अरंडी का तेल -- यह तेल सूजी हुई त्वचा के इलाज में और त्वचा में नमी लाने में बहुत कारगर है । यह जोड़ो के दर्द को कम करता है, हर किस्म के अर्थराइटिस का इलाज करता है , प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाता है, और घुट्टी का काम करता है । यह तेल आयु -- रोधक है, दागों को कम करता है, स्ट्रेच मार्कस को रोकता है, और त्वचा की रंजकता को कम करता है । यह बालों के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत उपयोगी है ।
देवदारु -- देवदारु सर्वोत्तम पीड़ानाशक है और अर्थराइटिस व दुसरे प्रकार के दर्द में लगाये जाने पर सूजन कम करने के लिए जाना जाता है । यह लीवर के पोषण के लिए और शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को बनाए रखने में बहुत उपयोगी है । सुगंधित होने के कारण यह श्वांस -- संबंधी बीमारियों का इलाज करता है । इसका कड़वा स्वाद और उष्ण गुण इसे एक उत्तम रक्त शोधक, रेचक और क्षुधावर्धक बनाते हें ।
हल्दी -- हल्दी आम तौर पर मोच, घाव और खरोंच के इलाज में इस्तेमाल होता है । ये त्वचा की देखभाल और हाज़मे के लिए भी बहुत अच्छा है । इसका पाउडर लगाने पर दर्द और सूजन कम होता है । ये कोलेस्ट्रॉल घटाता है, लीवर की रक्षा करता है पीड़ानाशक का काम करता है ।
कुठ -- वट संतुलन के लिए बाहरी प्रयोग और तेल मालिश में व्यवह्रत सारी जड़ी -- बूटियों में कुठ सर्वोत्तम है जो इसे सभी पीड़ानाशक तेलों में एक आवश्यक उपादान बनाता है । यह अर्थराइटिस, सरदर्द, दांत के दर्द और गंजेपन में आराम देता है । यह बहुत उत्तम वायरस रोधक औषधि भी है और रक्त चाप को कम करता है ।
नीलगिरी का तेल -- यह तेल दर्द और जोड़ो के सूजन के लिए, श्वांस नलियों श्लेष्मा झिल्लियों, जननांग परिसर्प , और नेसल स्टिफनेस में त्वचा पर लगाया जाता है । यह घाव, जलन, अल्सर और कैंसर का भी इलाज करता है । इसे रुट कैनाल फिलिंग में विलायक के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है ।
तिल का तेल -- तिल का तेल हमेशा से एक इलाजकारी तेल के रूप में और धमनियों को खोलने के लिए किया गया है । इसमें सूजन रोधक, बैक्टीरिया रोधक और वायरस रोधक गुण हैं । ये बहुत सारी दीर्घस्थाई बीमारियों, जैसे डायबिटीज, हेपेटाइटिस और माइग्रेन के इलाज में सहायक है । ये त्वचा का पोषण और शरीर के कोशों को सजीव भी करता है ।
विंटर ग्रीन ऑयल -- ये तेल सूजन और पीड़ादायक अवस्थाओं जैसे अर्थराइटिस, रिउमेटिड, सरदर्द, नसों का दर्द, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, ओवरी का दर्द और मासिक चक्र के दर्द में व्यवहार किया जाता पर स्थित कीटाणुओं को मारने के लिए भी व्यवहार किया जाता है ।
नरीश पेन किलर ऑयल के लाभ
निम्न मामलों में निरंतर राहत :
जोड़ो के दर्द का तेल ?
इसमें शामिल है :
ज्वाइन -- दर्द वाले स्थान पर लगाए जाने पर बीजों से निकला हुआ तेल रिउमेटिड अर्थराइटिस और नसों के दर्द के इलाज में सहायक है । ये दांत, दिल, और कान के दर्द का भी इलाज करता है । इसमें उपचार की क्षमता और इलाज के गुण भी हैं । ये अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, पेट की बीमारी, और सर्दी के इलाज में सहायक है ।
आरंद मूल -- यह सर्वश्रेष्ठ वट प्रशामक में से एक है जो शरीर का पोषण करता है और साथ ही रिउमेटिड और ओस्टियो अर्थराइटिस और स्त्री -- रोगों का इलाज करता है । यह भूख बढ़ाता है, लीवर की बीमारियों में आराम देता है, और पेट की बीमारियों का इलाज करता है । यह सर्दी और खांसी को कम करता है और डायबिटीज में मूत्रवर्धक का काम करता
है ।
अश्वगंधा -- अश्वगंधा को उसके सूजन -- रोधक गुणों के लिए जाना जाता है क्योंकि यह दर्द को कम करने में मदद करता है । यह एक ताज़गी देने वाली जड़ी -- बूटी है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता, सहनशक्ति, ताकत और जोश बढ़ाने में मदद करता है । यह उत्कंठा, अवसाद, मांसपेशियों के दर्द, घावों के इलाज और कई यौन रोगों में काफी उपयोगी है ।
अरंडी का तेल -- यह तेल सूजी हुई त्वचा के इलाज में और त्वचा में नमी लाने में बहुत कारगर है । यह जोड़ो के दर्द को कम करता है, हर किस्म के अर्थराइटिस का इलाज करता है , प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाता है, और घुट्टी का काम करता है । यह तेल आयु -- रोधक है, दागों को कम करता है, स्ट्रेच मार्कस को रोकता है, और त्वचा की रंजकता को कम करता है । यह बालों के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत उपयोगी है ।
देवदारु -- देवदारु सर्वोत्तम पीड़ानाशक है और अर्थराइटिस व दुसरे प्रकार के दर्द में लगाये जाने पर सूजन कम करने के लिए जाना जाता है । यह लीवर के पोषण के लिए और शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को बनाए रखने में बहुत उपयोगी है । सुगंधित होने के कारण यह श्वांस -- संबंधी बीमारियों का इलाज करता है । इसका कड़वा स्वाद और उष्ण गुण इसे एक उत्तम रक्त शोधक, रेचक और क्षुधावर्धक बनाते हें ।
हल्दी -- हल्दी आम तौर पर मोच, घाव और खरोंच के इलाज में इस्तेमाल होता है । ये त्वचा की देखभाल और हाज़मे के लिए भी बहुत अच्छा है । इसका पाउडर लगाने पर दर्द और सूजन कम होता है । ये कोलेस्ट्रॉल घटाता है, लीवर की रक्षा करता है पीड़ानाशक का काम करता है ।
कुठ -- वट संतुलन के लिए बाहरी प्रयोग और तेल मालिश में व्यवह्रत सारी जड़ी -- बूटियों में कुठ सर्वोत्तम है जो इसे सभी पीड़ानाशक तेलों में एक आवश्यक उपादान बनाता है । यह अर्थराइटिस, सरदर्द, दांत के दर्द और गंजेपन में आराम देता है । यह बहुत उत्तम वायरस रोधक औषधि भी है और रक्त चाप को कम करता है ।
नीलगिरी का तेल -- यह तेल दर्द और जोड़ो के सूजन के लिए, श्वांस नलियों श्लेष्मा झिल्लियों, जननांग परिसर्प , और नेसल स्टिफनेस में त्वचा पर लगाया जाता है । यह घाव, जलन, अल्सर और कैंसर का भी इलाज करता है । इसे रुट कैनाल फिलिंग में विलायक के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है ।
तिल का तेल -- तिल का तेल हमेशा से एक इलाजकारी तेल के रूप में और धमनियों को खोलने के लिए किया गया है । इसमें सूजन रोधक, बैक्टीरिया रोधक और वायरस रोधक गुण हैं । ये बहुत सारी दीर्घस्थाई बीमारियों, जैसे डायबिटीज, हेपेटाइटिस और माइग्रेन के इलाज में सहायक है । ये त्वचा का पोषण और शरीर के कोशों को सजीव भी करता है ।
विंटर ग्रीन ऑयल -- ये तेल सूजन और पीड़ादायक अवस्थाओं जैसे अर्थराइटिस, रिउमेटिड, सरदर्द, नसों का दर्द, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, ओवरी का दर्द और मासिक चक्र के दर्द में व्यवहार किया जाता पर स्थित कीटाणुओं को मारने के लिए भी व्यवहार किया जाता है ।
नरीश पेन किलर ऑयल के लाभ
निम्न मामलों में निरंतर राहत :
- हड्डियों एवं जोड़ो में दर्द एवं सूजन
- अंगभंग
- संधिवात गठिया
- ऑस्टिओआथ्राइटिस ,
- अकड़ा हुआ कंधा
- सायटिका
- गरदान एवं पीठ का दर्द
- स्पौंडिलाइटिस
- मांसपेशियों का दर्द
- मांसपेशी में अकड़न
- सिर दर्द
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